Piyar Bhari Gazale in Hindi प्यार भरी ग़ज़ल इन हिंदी

इक पल में इक सदी का मजा हमसे पूछिए
दो दिन की जिंदगी का मजा हमसे पूछिए।

  भूले हैं रफ्तारपता उन्हें मुद्दतों में हम
किश्तों में खुदखुशी का मजा हमसे पूछिए।

आगाज-ए-आशिकी का मजा आप जानिए
आजम ए आशिकी का मजा हमसे पूछिए।

जलते दियों में जलते घरों जैसी लो कहाँ
  सरकार रौशनी का मजा हमसे पूछिए

 वो जान ही गए कि हमें उनसे प्यार है.
आँखों की मुखबरी का मजा हमसे पूछिए।

 हम तौबा करके मर गए बे-मौत ए खुमार
तौहीन-ए-मयकशी का मजा हमसे पूछिए।

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तुम्हें जीने में आसानी बहुत है
 तुम्हारे खून में पानी बहुत है।

 कबूतर इश्क का उतरे तो कैसे 
तुम्हारी छत पे निगरानी बहुत है।

इरादा कर लिया गर खुदकुशी का 
तो खुद की आँख का पानी बहुत है।

    जहर सूली गाली, गोलियों ने
    हमरी जात पहचानी बहुत हैं।

तुम्हारे दिल की मनमानी मेरी जाँ 
 हमारे दिल ने भी मानी बहुत है।

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हमेशा हमें यही सिखाया गया है कि
राजकुमारी से बड़ा हमारा शहजादा है।
    
स्त्री पुरुष समानता को लेकर
दुनियाँ ने किया झूठा वादा है।

   नया युग हो या हो युग पुराना
 नारी उत्पीड़न का रहा एक कुटिल इरादा है।

   सामाजिक हकीकत तो यही है जनाब 
कि स्त्री का ओहदा आदमी से कही ज्यादा है।

क्योंकि शतरंज के खेल में आज भी 
रानी के सामने राजा महज एक प्यादा है।

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चेहरों की धूप आँखों की गहराई ले गया 
  आईना सारे शहर की बीनाई ले गया।

  डूबे हुए जहाज पे क्या तब्सिरा करें
 ये हादसा तो सोच की गहराई ले गया।

हालांकि बेजुबान था लेकिन अजीब था
जो शख्स मुझसे छीन के गौयाई ले गया।

मैं आज अपने घर से निकलने न पाऊँगा
बस इक कमीज थी जो मेरा भाई ले गया।

झूठे कसीदे लिखे गए उसकी शान में
 जो मोतियों से छीन के सच्चाई ले गया।

गालिब तुम्हारे वास्ते अब कुछ नहीं रहा 
कलियों के सारे रंग तो सौदाई ले गया।

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सर से पा तक वो गुलाबों का शजर लगता है 
   बावजू हो के भी छूते हुए डर लगता है।

मैं तेरे साथ सितारों से गुजर सकता हूँ
 कितना आसान मुहब्बत का सफर लगता है।

मुझमें रहता है कोई दुश्मन-ए-जानी मेरा
 खुद से तन्हाई मे मिलते हुए डर लगता है।

बुत भी रखते हैं नमाजें भी अदा होती हैं
 दिल मेरा दिल नहीं अल्लाह का घर लगता है।

जिंदगी तूने मुझे कब्र से कम दी है जमीं
 पाँव फैलाऊं तो दीवार में सर लगता है।

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