Prem Gazal Hindi प्रेम गजल हिन्दी

 
पैरों को मेरे दीदा-ए-तर बाँधे हुए है 
जंजीर की सूरत मुझे घर बाँधे हुए है।

हर चेहरे में आता है नजर एक ही चेहरा 
  लगता है कोई मेरी नजर बाँधे हुए है।

बिछडेंगे तो मर जाऐंगे हम दोंनो बिछड़कर 
 इक डोर से हमको यही डर बाँधे हुए है।

आँखें तो उसे घर से निकलने नहीं देतीं 
आँसू है कि सामान ए सफर बाँधे हुए है।

हम हैं कि कभी जब्त का दामन नहीं छोड़ा 
दिल है कि धड़कने पे कमर बाँचे हुए है। 'हुए'

फेंकी न मुनव्वर ने बुजुर्गोंों की निशानी 
  दस्तार पुरानी है मगर बाँधे हुए है।

Prem Gazal Hindi प्रेम गजल हिन्दी

**************************
 सारी दौलत तेरे कदमों में पड़ी लगती है।
तू जहाँ होता है किस्मत भी गड़ी लगती है।

ऐसे रोया था बिछड़ते हुए वो शख्स कभी
 जैसे सावन के महीने में झड़ी लगती है।

हम भी खुद को बदल डालेंगे रफ्ता रफ्ता 
अभी दुनियाँ हमें जन्नत से बड़ी लगती है।

खुशनुमा लगते हैं दिल पर तेरे जख्मों के निशां
   बीच दीवार में जिस तरह पड़ी लगती हैं।

तू मेरे साथ अगर है तो अंधेरा कैसा
रात खुद चाँद तारों से जड़ी लगती है।

  मैं रहूँ या न रहूँ नाम रहेगा मेरा 
जिंदगी उम्र में कुछ मुझसे बड़ी लगती है।

Prem Gazal Hindi प्रेम गजल हिन्दी

**********************
समझे वही इसको जो हो दीवाना किसी का 
अकबर ये गजल मेरी है अफसाना किसी का।

अल्लाह ने दी है जो तुम्हें चाँद सी सूरत रौशन 
   भी करो जा के सियहखाना किसी का।

इशरत जो नहीं आती मेरे दिल में न आए।
 हसरत से ही आबाद है वीराना किसी का।

कोई न हुआ रूह का साथी दम ए आखिर
काम आया न इस वक्त में याराना किसी का।

हम जान से बेजार रहा करते हैं अकबर जब
   से दिल ए बेताब है दीवाना किसी का

Prem Gazal Hindi प्रेम गजल हिन्दी

**********************
 इतना तो दोस्ती का सिला दीजिए मुझे
अपना समझ के जहर पिला दीजिए मुझे।

उठे न ताकि आपकी जानिब नजर कोई
जितनी भी तोहमतें हैं लगा दीजिए मुझे।

क्यों आपकी खुशी को मेरा गम करे उदास
  इक तल्ख हादसा हूँ भुला दीजिए मुझे।

सिदक ओ सफा ने मुझको किया है बहुत 
खराब मक्र ओ रिया जरूर सिखा दीजिए मुझे।

मैं आपके करीब ही होता हूँ हर घडी मौका 
      कभी पड़े तो सदा दिजिए मुझे।

हर चीज दस्तियाब है बाजार में अदम झूठी 
 खुशी खरीद के ला दीजिए मुझे।

Prem Gazal Hindi प्रेम गजल हिन्दी

**************************
आँखों में रहा दिल में उतरकर नहीं देखा
  कती के मुसाफिर ने समंदर नहीं देखा।

जिस दिन से चला हूँ मेरी मंजिल पे नजर है 
   आँखों ने कभी मील का पत्र नहीं देखा।

   ये फूल मुझे कोई विरासत में मिले है 
तुमने मेरा कॉटी भरा विस्तार नहीं देखा।।

यारों की मोहमत का यकीन कर लिया मैने
 फूलों में छुपाया  हुआ खंजर नहीं देखा।

महबूब का घर हो कि बुजुर्गों की जमीन है 
जो छोड़ दिया फिर उसे मुड़कर नहीं देखा

खत ऐसा लिखा है कि नगीने से जुड़े हैं। 
के हाथ कि जिसने कोई जेवर नहीं देखा।

पत्थर मुझे कहता है मेरा चाहने वाला
मैं मोम हूँ उसने मुझे छू कर नहीं देखा।

Prem Gazal Hindi प्रेम गजल हिन्दी

*************************
गुफ्तगू अच्छी लगी जौक-ए-नज़र अच्छा लगा 
  मुद्दतों के बाद कोई हमसफर अच्छा लगा।

दिल का दुख जाना तो दिल का मसअला है पर हमें
  उस का हंस देना हमारे हाल पर अच्छा लगा।

हर तरह की वे सर ओ सामानियों के बावजूद 
आज वो आया तो मुझको अपना घर अच्छा लगा।

कोई मकतल मे न पहुंचा कौन जालिम था जिसे 
तेरा-ए-कातिल से ज्यादा अपना सर अच्छा लगा।

 हम भी कायल हैं वफा में उस्तुवारी के मगर 
कोई पूँछे कौन किसको उम्र भर अच्छा लगा।

Prem Gazal Hindi प्रेम गजल हिन्दी

*****************************
  खत्म हर अच्छा बुरा हो जाएगा
एक दिन सब कुछ फना हो जाएगा।

क्या पता था देखना उसकी तरफ 
  हादसा इतना बड़ा हो जाएगा।

    मुस्कुराकर देख लेते हो मुझे
इस तरह क्या हक अदा हो जाएगा।

काश हो जाओ मेरे हमराह तुम 
वर्ना कोई दूसरा हो जाएगा।

    रंग लाएगा शहीदों का लहू
जुल्म जब हद से सिवा हो जाएगा। 

आप का कुछ भी न जाएगा शऊद
 हम गरीबों का भला हो जाएगा।

Prem Gazal Hindi प्रेम गजल हिन्दी

***********************
बिखरे बिखरे सहमे सहमे रोज ओ शब देखेगा कौन 
    लोग तेरे जुर्म देखेंगे सबब देखेगा कौन।

 हाथ में सोने का कासा लेके आए हैं फकीर 
इस नुमाइश में तेरा दस्त-ए-तलब देखेगा कौन।

ला उठा तेशा चट्टानों से कोई चश्मा निकाल
सब यहाँ प्यासे हैं तेरे खुश्क लब देखेगा कौन।

    दोस्तों की बेगरज हमदर्दियाँ थक जाएंगी 
जिस्म पर इतनी खराश हैं कि सब देखेगा कौन।

शायरी में मीर ओ गालिब के जमाने अब कहाँ 
शोहरत जब इतनी सस्ती हो अदब देखेगा कौन।

Prem Gazal Hindi प्रेम गजल हिन्दी

*************************
ये सर बुलंद होते ही शाने से कट गया
मैं मोहतरम हुआ तो जमाने से कट गया।

  माँ आज मुझे छोड़कर गाँव चली गई
मैं आज अपने आईना खाने से कट गया।

जूडे की शान बढ गई महफिल महक उठी
 लेकिन ये फूल अपने घराने से कट गया।

इस पेड़ से किसी को शिकायत न थी मगर
   ये पेड सिर्फ बीच में आने से कट गया।

     बस वही उजडी हवेली सी जिंदगी 
तुम आ गए तो वक्त ठिकाने से कट गया।

Prem Gazal Hindi प्रेम गजल हिन्दी

****************************
कभी खुशी से खुशी की तरफ नहीं देखा।
 तुम्हारे बाद किसी की तरफ नहीं देखा।

ये सोचकर कि तेरा इंतजार लाजिम है
तमाम उम्र घडी की तरफ नहीं देखा।

यहाँ तो जो भी है आब ए रखाँ का आशिक है 
  किसी ने खुश्क नदी की तरफ नहीं देखा।

   न रोक ले हमें कोई रोता हुआ चेहरा 
चले तो मुड़ के गली की तरफ नहीं देखा।

  बिछड़ते वक्त बहुत मुतमईन थे हम दोनों 
किसी ने मुड के किसी की तरफ नहीं देखा।

Prem Gazal Hindi प्रेम गजल हिन्दी

****************************
फरिश्तों से भी अच्छा में बुरा होने से पहले था 
वो मुझसे इतिहाई खुश खफा होने से पहले था।

किया करते थे बातें जिंदगी भर साथ देने की 
मगर ये हौसला हम में जुदा होने से पहले था।

हकीकत से खयाल अच्छा है बेदारी से ख्वाब अच्छा 
  तसव्वुर में वो कैसा सामना होने से पहले था।

किसी बिछडे हुए का लौट आना गैर मुमकिन है।
  मुझे ये भी गुमा इक तजुर्बा होने से पहले था।

शऊर' इस से हमें क्या इंतिहाँ के बाद क्या होगा
 बहुत होगा तो वो जो इब्तिदा होने से पहले था

Prem Gazal Hindi प्रेम गजल हिन्दी

***********************
मद्धम हुई तो और निखरती चली गई
जिंदा है एक याद जो मरती चली गई।

आए थे चंद जख्म गुजर गाह ए वक्त पर
 गुजरी हवा ए वक्त तो भरती चली गई।

हम से यहाँ पे कुछ भी समेटा न जा सका
 हम से हर एक चीज बिखरती चली गई।

एक अश्क कहकहों से गुजरता चला गया 
एक चीख खामोशी में उतरती चली गई।

  हर रंग एक रंग से हमरंग हो गया
तस्वीर जिंदगी की उभरती चली गई।

Prem Gazal Hindi प्रेम गजल हिन्दी

**********************
किस का सपना टूटा है 
किस का वादा झूठा है

किस को रात मनाती है। 
किस का साजन रूठा है

करवट कौन बदलता है।
 किसने चैन को लूटा है।

    कैसी खामोशी है। 
किस का कंगना टूटा हैं।

किस के नैना बरसे है 
किसका साथी छूटा है

 मेरी राम कहानी का
हर एक पात्र ही झूठा है।

Prem Gazal Hindi प्रेम गजल हिन्दी

********************
 दिल परेशान है सीने से लिपट जाने दो
 मुद्दत हो गयीं हम को भी मुस्कुराने दो

हम कोई गैर नहीं दिल खोल के रख देते हैं 
खिड़कियाँ खोल दो, बहार को आ जाने दो

चाँद खिलता है, आँगन में है ख़ुशी की लहर 
अब सितारों को अपनी रोशनी लुटाने दो

अपने दिल की सुनो कुछ मेरे दिल से कहो
 प्रेम का राग जुगनुओं को गुनगुनाने दो

  इस भरी दुनिया में मन को बस तू ही भायें
मुझ को दिल की गली में आज भटक जाने दो

धर्म महफिल में सही हम से कैसा पर्दा
नशीली रात है नजरों को बहक जाने दो
**************************
Related post-
Mohabbat gazal Hindi click
Superhit Gazal Hindi click
Gazal Hindi click
Gazal shayari status गजल शायरी स्टेटस click
Chuninda gazale चुनिंदा गजलें click
Dard bhari Dard Bhari Gazal click
Gazal Hindi shayri click
Khamoshi Gazal Hindi click
gazal click
Bewafai Gazal shayari बेवफाई गजल शायरी click



Post a Comment

Previous Post Next Post